Neelam Ratna
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नीलम को शनि देव का प्रिय रत्न माना जाता है। इस रत्न को पहनने से व्यक्ति के मन से लालच और बेईमानी दूर होती है। इस स्टोन को पहनने से व्यक्ति की कुशलता बढ़ती है और वो मुश्किल से मुश्किल काम को भी आसानी से कर पाता है। ये रत्न व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
नौ रत्नों में नीलम को सबसे शक्तिशाली रत्न माना जाता है। ये न्याय के देवता शनि ग्रह का रत्न है। ऐसा माना जाता है कि इस रत्न को पहनने से रातोंरात व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है क्योंकि नीलम रत्न की शक्ति ही ऐसी है कि ये गरीब से अमीर बना सकता है।
आपको जानकार हैरानी होगी कि नीलम न केवल ज्योतिषीय महत्व रखता है बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। कई वर्षों पूर्व ‘ओरेकल’ इस रत्न के सबसे बड़े प्रशंसक थे और जो भी उनके पास अपनी इच्छा पूर्ति के लिए जाता था, वो नीलम स्टोन पहन कर ही जाता था।
मान्यता है कि न्याय के देवता शनि देव के मुकुट के बीच में भी नीलम लगा हुआ है। ग्रीस और रोम की प्राचीन सभ्यता में भी ब्लू सैफायर का उल्लेख मिलता है। यहां तक कि राजकुमारी डायना का भी सबसे पसंदीदा रत्न नीलम ही है। हीरे के बाद सबसे कठोर रत्न के रूप में नीलम का नाम आता है।
नीलम रत्न के फायदे – Neelam stone benefits in Hindi
नीले रंग के इस स्टोन को पहनने से जीवन में समृद्धि और शांति आती है। इस रत्न को धारण करने से आर्थिक तंगी भी दूर होती है और पिछले जन्म के बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है।
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ब्लू सैफायर पहनने से बुरी शक्तियों और काला जादू से सुरक्षा मिलती है। ये रत्न आपको बुरे लोगों की संगत से भी दूर रहने में मदद करता है।
- सामाजिक, व्यावसायिक और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है और मनचाहे परिणाम मिलते हैं।
- शनि के गोचर के दौरान इस रत्न के लाभ सबसे अधिक मिलते हैं। ये व्यक्ति में जीवन शक्ति और उत्साह को बढ़ाता है।
- यदि किसी छात्र का मन पढ़ाई में नहीं लगता है या उसका ध्यान भटकता रहता है तो उसे भी यह स्टोन पहनाया जा सकता है।
- नाम, पैसा और शोहरत कमाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को भी यह रत्न जरूर पहनना चाहिए।
- शनि देव का यह रत्न तुरंत परिणाम देने की शक्ति रखता है। धन लाभ, वैभव और करियर एवं जीवन में सफलता पाने के लिए इस स्टोन को पहना जा सकता है।
- शनि की दशा के दौरान जातक को नीलम रत्न से अभूतपूर्व लाभ मिलते हैं। यदि आपकी शनि की दशा या महादशा चल रही है तो ब्लू सेफायर को धारण करें।
- काले जादू, सम्मान में कमी और बुरी नजर से दूर रहने के लिए भी इस रत्न को पहना जाता है। जीवन की मुश्किल समस्याओं को नीलम के प्रभाव से सुलझाया जा सकता है और यह रत्न जीवन में शांति लेकर आता है।
नीलम रत्न कैसे धारण करे – Neelam ratna kaise dharan karna chahiye
नीलम रत्न को चांदी या पंचधातु में पहन सकते हैं। इस रत्न को कृष्ण पक्ष के या किसी भी शनिवार के दिन धारण कर सकते हैं। शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर घर के पूजन स्थल में साफ आसन पर बैठ जाएं। अब एक तांबे का बर्तन लें और उसमें गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, गाय का कच्चा दूध, शहद और घी डालें। इसके बाद 108 बार ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ का जाप करें और नीलम रत्न को धारण कर लें। शनि के गोचर के दौरान भी इस रत्न को पहना जा सकता है।
नीलम रत्न किसे धारण करना चाहिए – Neelam ratna kise dharan karna chahiye
- मकर और कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि देव हैं इसलिए इन दो राशियों के लोग नीलम स्टोन पहन सकते हैं।
- जब कुंडली के चतुर्थ, दशम और ग्यारहवें भाव में शनि स्थित हो तो नीलम पहन सकते हैं।
- अगर शनि जन्मकुंडली में छठे और आठवे भाव के स्वामी ग्रह के साथ विराजमान है या इन दोनों भावों में अकेले बैठा हो तो नीलम पहना जा सकता है।
- शनि की राशियां कुंभ और मकर शुभ भाव में स्थित हों तो नीलम पहनने से लाभ होता है।
- यदि कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से गुजर रहे हैं तो उन्हें भी नीलम पहनने से फायदा होता है।
- इसके अलावा शनि की अंतरदशा में भी ब्लू सैफायर पहना जा सकता है।
- शनि के मेष राशि में स्थित होने पर भी ये रत्न पहन सकते हैं।
- जब कुंडली में शनि बली होता है या किसी मजबूत ग्रह के साथ शुभ स्थान में बैठा होता है तब नीलम पहनने से सबसे ज्यादा लाभ मिलता है।



